खत तेरे नाम पर Khatt Tere Naam Per
तेरे नाम पर एक खत
लिखने को मन किया,
कुछ गुस्सा लिखा,
कुछ हसीन पल यादों के
पन्नों पर लूटाए,
कुछ मन घड़त बातें बनाई
कुछ उदासी की जड़ उखाड़ फेंकू,
कुछ हल तो बता,
कुछ इन्सान ने रुलाया
कुछ तेरी अन्देखी से हुए खता,
कुछ प्यार आया था तूझ पर,
कुछ नाराज़गी ने इनकार किया
जो समझाया मूझे तूने,
कभी हाँ कभी इंन्कार किया,
लिख दिया, मगर पता नहीं
भेजूं किस पते पर तूझे खुदा!
अब ये बतायेगा कौन,
सुगम बडियाल🌼
लिखने को मन किया,
कुछ गुस्सा लिखा,
कुछ हसीन पल यादों के
पन्नों पर लूटाए,
कुछ मन घड़त बातें बनाई
कुछ उदासी की जड़ उखाड़ फेंकू,
कुछ हल तो बता,
कुछ इन्सान ने रुलाया
कुछ तेरी अन्देखी से हुए खता,
कुछ प्यार आया था तूझ पर,
कुछ नाराज़गी ने इनकार किया
जो समझाया मूझे तूने,
कभी हाँ कभी इंन्कार किया,
लिख दिया, मगर पता नहीं
भेजूं किस पते पर तूझे खुदा!
अब ये बतायेगा कौन,
सुगम बडियाल🌼
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