July 26, 2020

दर्द के तुफान Dard Ke Tufaan

अभी बहुत दर्द बाकी है
अभी से रोने लगे तो
दर्द को छुपायेंगे कैसे,
मौसमी तुफान है
हम भी देखेंगे,
मातम का पहरा वो
अभी से हमारे नाम पर
बिठायेंगे कैसे?

आजकल फिज़ाओं में
मायूसीयत कुछ ज्यादा है,
कोई बात नहीं!
हमें भी इन्हें धोखा देने में
आजकल मज़ा आ रहा है,

काले रंग में एक
सकून रहता है,
कोई डराने आये
तो अंधेरों में डरेंगे कैसे?
अक्सर ये जगमग करते दिन
ही हमें डरा देते हैं
अंधेरी यादों में इतना हर कहाँ?

सुगम बडियाल🌼

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