हर कोई
रात के अंधेरों में छोड़ गया
दुनिया ये शोहरतों वाली,
तो हम काफिरों की क्या मजाल है
इस दुनियाँ में
कि लड़ पड़ें हम इन अंधेरों से,
सुगम बडियाल🌼
काश! हम गुलाब होते तो कितने मशहूर होते किसी के बालों में, किसी के बागों में, किसी मसजिद में, तो कभी किसी मजहार पे सजे होते, . काश! हम गुलाब ...
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