गुमनाम शोहरतें Gumnaam Shohratein

शोहरतें गुमनाम थी,
साथ मेेरे आईं
और साथ मेरे ही
दफ्न हो गई,
कौन हमें था नहीं जानता,
आज ऐसे अनजानी निगाहों से
वो ताक रहे
जॊ कहते थे रहते,
जी हुजूर..!


सुगम बडियाल🌼

Comments

Popular Posts