जज्बात दिल में महफूज़ हैं Jazzbat Dil main Mehfooz hain

मशरूफ रह रहे हैं
जज़्बात हमारे दिल में
हमें कोई शौंक नहीं कि
ऐसे ही उड़ाते फिरें हम
अपने जज़्बातों के पन्नों को
बहुत कीमत लगी है दांव पे
हमारी जिदंगी को हमें
एक धागे में परोस कर
महफुज़ रखने के लिए


  ~ सुगम बडियाल

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