June 06, 2020

सोच समंदर Soch Samandar

"सोच का रास्ता इतना गहरा है
कुछ डूब गए इसमें,
तो कुछ डूब कर
शायर बनकर तैर आए।"

 सुगम बडियाल

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काश! हम गुलाब होते तो कितने मशहूर होते किसी के बालों में, किसी के बागों में, किसी मसजिद में, तो कभी किसी मजहार पे सजे होते, . काश! हम गुलाब ...