हमको सुनने की
कुछ हमारा दिल था
कुछ कहने सुनाने को
बस! फिर पता ही नहीं चला
हमारी बातचीत शुरू करने के बाद
कि कब सारी ज़िन्दगी खोल दी
पन्नों के सामने हमने
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काश! हम गुलाब होते तो कितने मशहूर होते किसी के बालों में, किसी के बागों में, किसी मसजिद में, तो कभी किसी मजहार पे सजे होते, . काश! हम गुलाब ...
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