"Echoes of emotion, wrapped in the warmth of Punjabi verses."
मेरे सपनेकभी सचनहीं हुए
पर जोहकीकतमें सामने थेअच्छे थेवो भी
सुगम बडियाल
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काश! हम गुलाब होते तो कितने मशहूर होते किसी के बालों में, किसी के बागों में, किसी मसजिद में, तो कभी किसी मजहार पे सजे होते, . काश! हम गुलाब ...
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