ऊची मंजिल Uchi Manzil
ज़िन्दगी की मंज़िलों की
ऊच्चाई उतनी ही रखना,
जहाँ से आप नीचे झुक कर
फख्र से देख सकें,
ऊच्चाई पर पहुँच कर अक्सर लोग
नीचे आने से घबरा जाते हैं,
सुगम बडियाल
My Punjabi Hindi Poetries and Articles. All posts must be GENUINE.
Comments