कुछ भी बेवजह नहीं होता
हर लम्हा किसी का
सजा़ ही नहीं होता
आज वक्त तेरा है
तो कल मेरा भी होगा
देख लेना
तेरे हर पहर पर
पहरा फिर मेरा ही होगा
सुगम बडियाल
काश! हम गुलाब होते तो कितने मशहूर होते किसी के बालों में, किसी के बागों में, किसी मसजिद में, तो कभी किसी मजहार पे सजे होते, . काश! हम गुलाब ...
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