कुछ सुखी यादों का
थैला लेकर निकले थे,
कुछ चूर हो गई हैं
अब पड़े पड़े,
कुछ सील गई है,
कुछ अच्छी सी
अच्छे दिन की बची हैं,
सोचा!
आपको रुझाने के लिए
गीत बना दूँ...
- सुगम बडियाल🌼
काश! हम गुलाब होते तो कितने मशहूर होते किसी के बालों में, किसी के बागों में, किसी मसजिद में, तो कभी किसी मजहार पे सजे होते, . काश! हम गुलाब ...
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